कवितालयबद्ध कविता
# प्रतियोगिता
# अलविदा 2020
अलविदा 2020
अलविदा साल 2020 को करते हैं,
ऐसा साल फिर ना लौट कर आये,
2021 में हम सब करोना से मुक्त,
होकर पहले सा हँसे और मुस्कुराये।
2021 में फिर से हम सब सपनों के,
मिलकर सुखद,सुंदर महल बनाएं।
पहले सा नाचे_कूदे हम,खूब मिलकर,
सबके दिल से करोनाडर खत्म हो जाये।
करोना से हम सबको फिर से मुक्ति,
इस वर्ष अब तो मिल जाये।
आगे अब कभी भी ये हमको अपनी,
जीवन में ना मनहुस सूरत दिखाये।
मास्क व सेनेटाइजर अब तो ,
ना हमको यूँ हरदम सताये।
खुली हवा में सांस ले हम सब,
पहले सा हम फिर से मुस्कुराये।
जल्दी से करोना की वैकसिन,
अब हम सबको लग जाये।
2021 में ना कोई नया करोना,
हमको फिर से यूँ डराये।
हे ईश्वर हम सब प्रार्थना करते हैं,
फिर से हम दोस्तों के साथ मिलकर।
खूब चाट_पकौड़ी, सड़कों पर खाये,
हँसे, मुस्कुराये, खूब गप्पे लड़ाये।
अब घर में रहकर बोर हो गये हम,
फिर से बस्ता लेकर स्कूल जाये।
करोना में सीखा हम सबने हैं,
प्रणाम करें ,ना किसी से हाथ मिलाये।
ना चीन से डरे,ना पाकिस्तान से घबराये।
बेखौफ जीये,2020 सा लौट के ना आये।
2021तुम खुशियाँ लाना सबके जीवन में,
स्वागत करते हैं ,सब हँसे और मुस्कुराये।
अलविदा 20020 करते है तुमको,
स्वागत 2021 का करते हम सब।
हे ईश्वर सब पर अपना आशीर्वाद,
बरसाओ , स्वागत 2021 का अब।
स्वरचित व मौलिक
राजेश्वरी जोशी,
उतराखंड