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स्वागत नव वर्ष - Kanak Harlalka (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

स्वागत नव वर्ष

  • 190
  • 2 Min Read

#२०२०


गत वर्ष,
अकेला,मदमाता
इसको भी पंक्ति को दे दो ।
बीता जाता जीवन
पल पल
उऋंखल,चंचल ,
गम्भीर ,सजल ।
यह बीता पल
यह आत्म विह्वल
इसको भी स्मृति को दे दो ।
वह जो आएगा अनाहूत,
वह विस्मय ,वह अद्भुत,
वह रहस्यगर्भ ,
वह नववर्ष,
उसको जीवन गति को दे दो।
वह हो शुभमय,
दे आशा विश्वास नवल,
दे आत्म गौरव,
नवस्फूर्ति ,नवबल,
उसको मेरा स्वागत दे दो ।

कनक हरलालका

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Ankita Bhargava

Ankita Bhargava 3 years ago

बहुत सुंदर

वो चांद आज आना
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तन्हाई
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प्रपोजल
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माँ
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तन्हा हैं 'बशर' हम अकेले
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