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ख्वाहिश..... - अजय मौर्य ‘बाबू’ (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

ख्वाहिश.....

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  • 1 Min Read

ख्वाहिश.....

मेरे शब्द तो
बार-बार मुस्कराना चाहते हैं
तुम्हारे अधरों पर
पर मैं जानता हूं
यह कभी नहीं होगा
शायद इसलिए मैं चाहता हूं
नागफनी, बबूल और
कांटे दर कांटे......
अजय बाबू मौर्य ‘आवारा’

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