Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
वो अनजान है। - शिवम राव मणि (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

वो अनजान है।

  • 142
  • 3 Min Read

अरे! उसे ऐसे ना कहो
वो अनजान है।

वो अपनी ही दुनिया में है
या फिर परेशान है
वो खोया है अपने ही रंग में
या खोया है गहरी सुरंग में
वो चल रहा है कोई नई राह
या भटक गया है यहां वहां
बुन रहा है कोई सपना हक़ीक़त
या सह रहा है कोई बैंत सख़्त
वो कहता है कोई शब्द तीखे
या झुंझलाहट है जो अंदर चीखें

वो हंस रहा है या रो रहा है
मजाक कर रहा है
या खुद को खो रहा है
वो जैसा है सामने
क्या हक़ीक़त में वैसा है
या अंदर ही अंदर उलझन जैसा है
ये उससे ही पूछो वो ही जाने
क्या कोई अहजान है
अरे! उसे ऐसे ना कहो
वो अनजान है।

1608557004.jpg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हाई
logo.jpeg