Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
सात फ़ेरे सात वचन - Sarla Mehta (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

सात फ़ेरे सात वचन

  • 189
  • 4 Min Read

सात फ़ेरे* सात वचन*

ब्याह के सात फ़ेरों के हैं
सात वचन जीवनभर के

आज से तुम्हारा घर होगा
मेरा सदा उम्र भर के लिए
थक चुकी हूँ पराया सुनते

घर मेरा तो प्यार बेटी सा
नहीं हो कोई भी भेदभाव
करूँ शिकवे माँ पापा से

मैं मात्र साधन ना बनूँगी
ज़रूरत नहीं बनना मुझे
मुझे मिले अहम ओहदा

मशीन बन के नहीं रहना
बस कर्तव्य निभाने वाली
अधिकारों की हक़दार हूँ

सबको अपना माना मैंने
मुझे अपनों सा प्यार देना
तभी सब मेरे अपने होंगे

निडर निर्भय हो यहाँ रहूँ
माहौल हँसी ख़ुशी का हो
तभी तो सबको सुख दूँगी

अनचाही हो ग़र मेरी बातें
साफ़ साफ़ बता देना मुझे
लौट जाऊँगी मैं अपने घर

गिना दिए मैंने सात वचन
तुम्हारे सोचकर बता देना

सरला मेहता
स्वरचित

logo.jpeg
user-image
Sudhir Kumar

Sudhir Kumar 4 years ago

चैतन्यपूर्ण

वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
तन्हाई
logo.jpeg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
चालाकचतुर बावलागेला आदमी
1663984935016_1738474951.jpg