कविताअतुकांत कविता
लौह पुरुष
वल्लभ भाई पटेल महान
एक लौह पुरुष कहलाते
संगठित भारत का सपना
अपने दम पर पूर्ण किया
ग़र उनके बस में होता तो
क्या से क्या वो कर जाते
देश के निर्णय लेना हो तो
सर्वसम्मति का ध्यान रखे
पँच उंगलियाँ मिलकर के
मज़बूत मुष्टिका हैं बनाती
ग़र हम होते साथ साथ हैं
मंज़िल हमसे रहती न दूर
सहयोग से सर्वोदय होता
संसार ही स्वर्ग बन जाता
सरला मेहता
लोह पुरुष के साथ साथ आपकी रचना को भी नमन
आभार