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जल्दी का काम शैतान का - Sarla Mehta (Sahitya Arpan)

लेखआलेख

जल्दी का काम शैतान का

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# किस्सा कहानी

जल्दी का का शैतान का

चीज़ों के साथ बातें भूलना विकट हालात बना देते हैं। जब दोहरी जिम्मेदारियों के चलते सारे काम एक साथ करते हैं तो ऐसा होता ही है। कई बार सब कुछ निपटा कर पढने लिखने बैठती ,चाय की तलब लग जाती। एक कप चाय चढ़ाई और भूल गए। पड़ोसी आकर पूछते ," कुछ जल रहा है क्या ? "
ऐसे ही सुबह साढ़े सात का स्कूल, पूरा खाना चटनी पापड़ मीठे सहित
तैयार कर जाना। चेक की हुई कॉपियों के साथ स्कूल पहुँचना।और वहाँ जाकर याद आना कि गैस बंद किया या नहीं। फोन भी नहीं होते थे। फिर रिक्शा से घर आकर देखना । इस बीच का मानसिक तनाव व सबकी डाट,,,जिस पर बीतती , भुक्त भोगी ही जानता है। तो साथियों ऐसी जल्दबाज़ी से बचे।
सरला मेहता

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Madhu Andhiwal

Madhu Andhiwal 4 years ago

सुन्दर रचना

समीक्षा
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