कविताअतुकांत कविता
हम आगे बढ़ते जाएँगे
हे ! #ज़ालिम सरकार....
तुम हमें #रोकने में
अपनी पूरी जान झोंक देना
हम फिर भी आगे #बढ़ते जाएँगे
#मकसद अपना पूरा करेंगे.....!
तुम लगा लेना सड़कों पर
कितने ही #बैरिकेडस, #पत्थर
#ट्रक और चाहे #कंटीले तार
तब भी तुम #पस्त नहीं कर पाओगे
हम आगे बढ़ते जाएँगे......
तुम छोड़ो #आँसू गैस के #गोले
चाहे बरसाओ पानी #वाटरकैनन से
#सर्दी भरे इस मौसम में
चाहे करवाओ #लाठीचार्ज पुलिस से
हम #हार नहीं फिर भी मानेंगे
हम आगे बढ़ते जाएँगे.......!
इस #जोर-ज़ुल्म की टक्कर में
मिल-जुल कर हमें अब #लड़ना है
#पीछे हमें नहीं अब #हटना है
चाहे जो भी अब हो जाए
हम आगे बढ़ते जाएँगे......!!
संदीप चौबारा
फतेहाबाद
26/11/2020