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उपवन फूल खिलाना होगा - Dr. Rajendra Singh Rahi (Sahitya Arpan)

कवितागजल

उपवन फूल खिलाना होगा

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  • 4 Min Read

उपवन फूल खिलाना होगा...

उपवन फूल खिलाना होगा
मन में दीप जलाना होगा....

पथरीली राहों पर भी अब
अपना पांव बढ़ाना होगा...

सोये जो है भाग्य भरोसे
गहरी नींद जगाना होगा...

सुविचार सौन्दर्य जो निर्मल
अन्तस् सहज बसाना होगा...

राग-द्वेष, आचार मलिनता
तत्पर सजग हटाना होगा.....

भटक गए जो अंधकार में
उनको राह दिखाना होगा...

रूठ गए जो हक के खातिर
उनको सहज मनाना होगा..

व्यर्थ यहाँ यह छीनाझपटी
सबको सत समझाना होगा...

रहे निरोगी सबकी काया
हँसना और हँसाना होगा....

दुश्मन के नापाक इरादे
मिलकर हमें जलाना होगा....

विश्व व्यवस्था में हम सबको
लम्बी दौड़ लगाना होगा

डाॅ. राजेन्द्र सिंह 'राही'
(बस्ती उ. प्र.)
9918779472

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