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भैया दूज - Sarla Mehta (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

भैया दूज

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भैया दूज

होली दिवाली की बेला ये
भैया दूज भी लेकर आती
रिश्तों के बंधन दोहराती
भारत की ही ऐसी थाती

रोली अक्षत पावन टीका
आत्मिक सम्बंध दर्शाता
श्रीफल शुभता द्योतक है
निश्छल प्रेम पोषित करे

दीया अखंड ज्योतिदाता
जगमग जीवन करता है
स्नेह घृत ये परिपूरित हो
इक दूजे के पूरक होते हैं

ये प्रथाएँ सब परिपाठियाँ
परस्पर बाँधे रखती हैं हमें
दूरी कभी ना मज़बूरी बने
मज़बूत कड़ियाँ बनती हैं
सरला मेहता

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Ankita Bhargava

Ankita Bhargava 3 years ago

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