Or
Create Account l Forgot Password?
कवितागजल
#तवायफ बेचते जिस्म यहां शाद व्यापारी होंगें देखना आज सभी ओर शिकारी होंगें ऐ मुसव्विर तु भी ये चित्र बना लें आज के ये बशर भगवान पे भारी होंगें ©®नितिन पंडित कॉमरेड