कविताअतुकांत कविता
नायिका के मन की बात
मेरे पियाजी गए परदेस
नहीं आया कोई सन्देस
आठों पहर तेरी याद में
मुझे भाए ना मेरा ये देस
दूर बसती मोरी नगरिया
मिली ना कोई खबरिया
निशदिन राह तकूँ मैं तेरी
कब आओगे मेरी देहरिया
जब उतरता पूनो का चाँद
तुम और ही आते हो याद
कोई भी ना हो हमारे बीच
चाँदनी में हो प्रेम की बात
सरला मेहता