Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
प्यार का त्रिकोण - Neelima Tigga (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कविता

प्यार का त्रिकोण

  • 160
  • 3 Min Read

#प्यार का त्रिकोण
मधुबन की सुरभि फ़ैल रही
डाल डाल पात पात गा रही
मदहोश फूलों के तराने
तितलियाँ भी गुनगुना रही II
कृष्ण बांसुरी की प्रेम धून सुरीली
सुन दौड़ी मतवाली राधा बावरी
प्रेम दीवानी ये ना जानी
प्रीत पतंगा सी प्रीत रही II
मन ही मन मोहन को चाहा
स्वयंवर से भगा ले आया
रुक्मणी बावरी फिर भी हारी
पटरानी सत्यभामा ही रही II
कैसी है ये प्यार की रीत
कौन हारा किसकी जीत
प्यार हुआ ज़हरीला प्याला
मीरा भी इस से अछूती ना रही II
एक है अर्पित ,दूजी समर्पित
तीसरी वैराग्य भक्ति प्रीत
भक्ति प्रिती का संगम अनूठा
फिर क्यों सरीता, सागर से मिलने से रही II
डॉ.नीलिमा तिग्गा 'नीलांबरी'
स्वरचित, मौलिक
2/11/2020

1604336487.jpg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
तन्हाई
logo.jpeg