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आलू का तो हाल न पूछो - Dr. Rajendra Singh Rahi (Sahitya Arpan)

कवितागजल

आलू का तो हाल न पूछो

  • 198
  • 3 Min Read

आलू का तो हाल न पूछो...

आलू का तो हाल न पूछो
टेढ़ी कितनी चाल न पूछो...

प्याज, टमाटर आँखें ताने
पीली क्यों है दाल न पूछो....

मिरिच, मसाला, तेल, लगौना
सबका फैला जाल न पूछो...

लूट रहे है जन को तनकर
निर्भय आज दलाल न पूछो...

सूख रहा हैं उनका भी अब
फूला जिनका गाल न पूछो.....

देख बेरुखी साहब जी का
मन में हुआ मलाल न पूछो...

कोरोना के डर से आखिर
सूना क्यों है साल न पूछो....

बुरा लगेगा उनको तय है
जोखिम भरा सवाल न पूछो...

डाॅ. राजेन्द्र सिंह 'राही'
दिनांक 31-10-2020

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