कहानीप्रेरणादायकलघुकथा
नई जिंदगी ****
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आज पूजा बहुत देर से सोच रही थी कि वह कहां गलत थी ! रजत की कोई बात को आज तक मना नहीं करा ! आज रजत ने सारी सीमा तोड़ दीं ! शादी से अब तक वह सोचती रही कि वह सब ठीक कर लेगी । रजत के सारे दोषों को छुपा लेती थी । पूजा माँ पापा को बता कर परेशान नहीं करना चाहती थी !
लेकिन आज जब उसने सुबह से ही दारू पीना शुरू कर दिया तो उसने उसे रोकना चाहा और ये इस बात ही उसे नागवार गुजरी ! उसने पूजा को बहुत मारा और कहा कि वह उसे तलाक दे कर दूसरी शादी करेगा ! पूजा सोच रही थी कि शुरू से लड़कियों को ही ये शिक्षा क्यो दीं जाती है कि पति परमेश्वर होता है ! बस पूजा ने एक डंडा उठाया और जम कर रजत की पिटाई कर दी और कहा तू मुझे क्या तलाक देगा मैं तेरे जैसे जानवर के साथ खुद नहीं रहूंगी ! जो केवल औरत को एक चीज समझता हो जब चाहा प्रयोग किया नहीं तो मसल दिया और वह घर से निकल चुकी थी एक अनजाने रास्ते पर एक नई जिंदगी की शुरुआत के लिए !
स्व रचित ---
डॉ. मधु आंधीवाल ऐड.
अलीगढ