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श्रम साधक को विश्राम नही  - Priyanka Tripathi (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

श्रम साधक को विश्राम नही 

  • 181
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स्वरचित मौलिक::श्रम साधक को विश्राम नही

आशा के दीप जलाकर
हदय मे लक्ष्य साधकर
तप के पथ पर
तू चल दिया रे साधक
हां!श्रम साधक को विश्राम नही!!!

प्रकाश की खोज मे
नित नए प्रयोग मे
आसमान को भेदने
तू चल दिया रे साधक
हां!श्रम साधक को विश्राम नही!!!

भवनो के निर्माण मे
उद्यानों बागवान मे
पाषाण को चीरने
कर्मयोग मे लीन
तू चल दिया रे साधक
हां!श्रम साधक को विश्राम नही!!!

प्रियंका पान्डेय त्रिपाठी
प्रयागराज उत्तर प्रदेश

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