Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
साथ साथ (भाग-१) - Anshu Shri (Sahitya Arpan)

कहानीप्रेम कहानियाँ

साथ साथ (भाग-१)

  • 248
  • 10 Min Read

साथ साथ ( भाग - १)

मौसम अपने पूरे शबाब पर था, हवा में हल्की हल्की ठंड घुलने लगी थी । पत्तों की सरसराहट जैसे धीमे से अवनि के कानों में कुछ फुसफुसाकर आगे बढ़ जाना चाहती थी । तेज़ हवा के मदमस्त झोंके अवनि की खुली लटों संग अठखेलियाँ करने में व्यस्त थे । हल्की सी बूँदाबाँदी भी आरम्भ हो चली थी ।
बरामदे में झूले पर बैठी अवनि ने कमला को आवाज़ लगाई....
“ अम्मा, ज़रा एक प्याली चाय पिला दोगी ?”
कमला, अवनि के साथ तबसे है, जब अवनि ग्यारह साल की थी । अवनि की माँ बचपन में ही उसे छोड़, किसी दूसरी दुनिया में चली गई थी । अवनि के पापा ने अकेले ही पालन पोषण किया था । हाँ, कमला ने नौकरानी होते हुए भी अवनि को माँ का सा प्यार दिया था और इसीलिए वह अवनि के विवाह के पश्चात भी उसके साथ रहने चली आई थी ।
पलाश के साथ अवनि के विवाह को दो वर्ष हो चले थे । भारतीय सेना में मेजर के पद पर कार्यरत पलाश को अक्सर मोर्चे पर ही रहना होता था । आजकल उसकी पोस्टिंग जम्मू कश्मीर में थी । कश्मीर में चल रही आतंकवादी गतिविधियों के समाचार सुन, अवनि का कलेजा मुँह को आता था । वह फ़ोन पर पलाश से सदा एक ही बात कहती थी
“ तुम यह सेना की नौकरी छोड़ क्यों नहीं देते पलाश ? भगवान न करे....यदि कभी तुम्हें कुछ हो गया तो ? मैं तुम्हारे बिना जीवित नहीं रह सकूँगी....हम पापा के पास देहरादून चले चलेंगे, वहीं तुम अपना कोई छोटा सा बिज़नेस कर लेना...”
“ एक फ़ौजी की बीवी होकर ऐसी कायरतापूर्ण बातें तुम्हें शोभा नहीं देतीं अवनि....मुझे अपने काम से प्यार है....बचपन से मैंने भारतीय सेना में काम करने का सपना देखा था...तुम चाहती हो, मैं अपना सपना छोड़ दूँ ? “
पलाश उसे सदा यही समझाता ।
“ चाय के साथ कुछ खाने के लिए भी लाऊँ बिटिया ?”
कमला चाय की ट्रे लिए खड़ी थी ।
“नहीं अम्मा, कुछ खाने का मन नहीं “ अवनि ने अनमने ढंग से कहा ।
“क्या हुआ बिटिया ? इतना अच्छा मौसम हो रहा है और तुम उदास हो रही हो...जमाई बाबू की याद आ रही है क्या ?”
कमला ने अवनि को छेड़ते हुए कहा ।
“ कोई पल ऐसा नहीं बीतता अम्मा, जब उनकी याद न आती हो...जब से उनकी पोस्टिंग कश्मीर में हुई है, तब से एक अनजाना सा भय हर समय मुझे घेरे रहता है “
अवनि की आँखों में आँसू झिलमिलाने लगे ।

अंशु श्री सक्सेना

75340C0B-EE36-496F-BB92-E7035C0599FB_1596648199.jpeg
user-image
Kamlesh  Vajpeyi

Kamlesh Vajpeyi 4 years ago

भावपूर्ण..!

दादी की परी
IMG_20191211_201333_1597932915.JPG