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याद है तुम्हें - Anil Goldy (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

याद है तुम्हें

  • 186
  • 5 Min Read

शब्दाक्षरी अगस्त 2020
विषयः मुक्त
शीर्षकः बारिश वाला प्यार,
साहित्य अर्पण

क्या याद है तुम्हें, हमारा पहली बार मिलना,
चाँद की चाँदनी के नीचे, रंग बिरंगे फूलो के यहा थे बगीचे,
जहा तुम थे,और मैं था और बस थी तनहाई,
मौसम भी था सुहावना, शीतल थी हवाएँ,
मुख से हम कुछ ना बोल पा रहे थे,
हम दोनों एक दूसरे से शर्मा रहे थे,
आँखो ही आँखो मे बस इशारे हो रहे थे,
जग रहे थे वो अरमान हमारे, जो दोनो के सो रहे थे,
पर दिल की बात कहने से हम दोनो ही कतरा रहे थे,
आप पहले बोले हम दोनो यही चाह रहे थे,
इतनी देर मे अचानक बादलो मे अंधेरा छा गया,
देखते ही देखते मौसम रंग बदला गया,
छम छम छम करती बारिश यू आई,
भीगने लगे हम दोनो, तो जुबान खुल पाई,
बैठ नीचे मैने तेरे हाथो को पकड़ लिया,
और चलती बारिश मे अपने प्यार का इजहार किया,
बस तभी से अपने प्यार का नाम बारिश वाला प्यार रख लिया। ।

स्वयरचित एवं मौलिक रचना
अनिल धवन सिरसा

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Maniben Dwivedi

Maniben Dwivedi 3 years ago

Wah

रवि शंकर

रवि शंकर 3 years ago

बहुत सुंदर

प्रपोजल
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