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हम किसीकी फ़ितरत को नहीं बदल पाएंगे - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

हम किसीकी फ़ितरत को नहीं बदल पाएंगे

  • 10
  • 2 Min Read

किसी को भी ज़रूरत से ज्यादा वक़्त देकर बहुत पछताएंगे,
वक़्त बदलनेपर वक़्त के साथ वो सब लोग भी बदल जाएंगे!
खुद अपने-आप को बदल लेंगे इतना ही काफ़ी होगा "बशर"
किसीसूरत हम किसीकी फ़ितरत को कभीनहीं बदल पाएंगे!
© डॉ. एन. आर. कस्वाँ "बशर" بشر

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