Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
#एतबार कर लिया होता - Vinay Kumar Gautam (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कविता

#एतबार कर लिया होता

  • 132
  • 4 Min Read

#धोखा, #दर्द_ए_मोहब्बत...

ऐतबार कर लिया होता..
इज़हार कर लिया होता..
ना मिलता इश्क़ मे धोखा..
तो प्यार कर लिया होता..

बहुत चाहा तुझे मैंने..
अपनी भी जान से ज्यादा..
ना झूठे वादे करती तो..
फना भी रूह कर देता...

बहुत तड़पा हूं तेरे इश्क़ मे..
बहुत तड़पेगी तू भी अब..
तड़प भी खत्म कर देता..
गर सच्चा इश्क़ तेरा होता..

बहे मेरी आंख के आँसू..
जो पिघले मोम की तरह..
उन्हे भी भूल मै जाता..
तुझपे ऐतबार गर होता..

जब भी दीदार हुआ तुझसे..
बहुत खुश था ये पागल दिल..
अब तू गर याद भी आयी..
तो दिल सारी रात है रोता..

कमी क्या थी मोहब्बत मे..
जो तुम ने ऐसे ठुकराया..
ना रखती इश्क़ मे शर्ते..
ये दिल बेजार ना होता..

ऐतबार कर लिया होता..
इज़हार कर लिया होता..
ना मिलता इश्क़ मे धोखा..
तो प्यार कर लिया होता..

#स्वरचित विनय गौतम..

FB_IMG_1601792536557_1601792624.jpg
user-image
नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

बहुत सुंदर रचना?

प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
तन्हा हैं 'बशर' हम अकेले
1663935559293_1726911932.jpg
ये ज़िन्दगी के रेले
1663935559293_1726912622.jpg