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इन्सान क्यूँ इतना परेशान रहता है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

इन्सान क्यूँ इतना परेशान रहता है

  • 6
  • 1 Min Read

आख़िर जब मरघट ही एक इन्सान की आख़िरी मंज़िल मुकाम और उसका मकान मुक़र्रर होता है
तो फिर इस जहाँ में रह कर ओहदे शोहरत और मकान केलिए इन्सान क्यूँ इतना परेशान रहता है

© डॉ. एन. आर. कस्वाँ "बशर" بشر

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