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चंद रोज की मेहमान है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

चंद रोज की मेहमान है

  • 5
  • 2 Min Read

दुनिया में अगर "बशर" कोई नायाब चीज़ है तो वोह बस इक इन्सान है
माटी के पुतले को बनाने वाला कूज़ा-गर कोई और नहीं स्वयं भगवान है

बस महज़ इक दुख- दायी बात मग़र यही है कि वोह कीमती शय
इस ख़ूबसूरत दुनिया-ए-तसव्वुर में बस चंद रोज की ही मेहमान है

© डॉ. एन. आर. कस्वाँ "बशर" بشر

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