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कवितानज़्म
दुनिया में अगर "बशर" कोई नायाब चीज़ है तो वोह बस इक इन्सान है, माटी के पुतले को बनाने वाला कूज़ा-गर कोई और नहीं स्वयं भगवान है! © डॉ. एन. आर. कस्वाँ "बशर" بشر