Or
Create Account l Forgot Password?
कवितागजल
एक ग़ज़ल केे कुछ शे'र ... तेरे छोटे मन में कैसे आती मैं तो बात बडी जो करता था अब आता है देर से अक्सर वो इंतज़ार हर घडी जो करता था छोड देता था स्कूटी की जगह अपनी कार खडी जो करता था नितिन पंडित