Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
तू मुझे अपना सा लगता है - Kanchan Mishra (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

तू मुझे अपना सा लगता है

  • 311
  • 2 Min Read

#दैनिक लेखन कार्यक्रम
विषय- 'तू मुझे अपना सा लगता है "

मैं हँसती हूँ तो
वो भी हँसता है ,
मेरे आँसुओं संग
वो भी रोता है ,

मेरे हर मनोभाव का
है उसे एहसास ,
जैसे कहता हो
मैं हूँ न ! तेरे पास ,

मैं जैसी हूँ
मुझे वैसा ही बताता है ,
सच्चे दोस्त सा
मुझे समझाता है ,

बेगानों के अंधकार में
उम्मीद की किरण सा लगता है ,
हाँ ! आइना वो तू ही है
तू मुझे अपना सा लगता है....

कंचन मिश्रा की कलम से ✍️✍️
स्वरचित

logo.jpeg
user-image
नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति

वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
तन्हाई
logo.jpeg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg