कविताअन्य
भूल चूका है युवा आज का भारत की परिभाषा को,
आज शब्दो के द्वारा करता हू जाहिर मेरी अभिलाषा को,
ध्यान लगा कर सुनना इस को भारत की कुछ झलक तुम्हे दिखलाता हू,
क्या है भारत,क्या है भारत, आज तुम्हे बतलाता हू,
रामायण का पाठ है भारत, श्री राम का प्रताप भारत,
रावण का अभिमान है भारत,देवो का वरदान है भारत।
गीता का सार है भारत, श्री कृष्ण का ज्ञान है भारत
अर्जून का बलवान है भारत, कर्ण सा निष्ठावान् है भारत
परशुराम का तेज है भारत, भीष्म प्रतिज्ञा का मान है भारत,
महाभारत का प्रमाण है भारत, नारी सम्मान का बखान है भारत,
युधिष्ठिर का धर्म महान है भारत, आर्यावर्त का दुसरा नाम है भारत,
लाखो युद्धो का मैदान है भारत, विरो का जन्म स्थान है भारत।
अखंड रहा तब ना जिसे कोई जीत सका वो है भारत,विश्व के माथे पर चंदन का तिलक समान भारत,
शुन्य का दाता जो वो विद्वान है भारत,अग्रेजी मे संस्कृत सा जुडा तीर कमान भारत।
रंगो का देश है भारत, एकता का प्रारुप है भारत,
हौसलो की उंची उड़ान है भारत,मंगल तक पहुची पहचान है भारत,
हर एक पहलू का लिखित प्रमाणित संज्ञान है भारत,विश्व की बड़े संगठनो की जिसके हाथ बागडोर वो सुंदर प्रभुत्ववान है भारत,
अकबर बाबर को तुम छोडो, महाराणा की ललकार और चेतक की टाप है भारत।
सिकंदर को खाली हाथ लौटने वाला वो पोरस महान है भारत,
तक्षिला जैसे महाविद्यालयो को जन्म देना वाला बुद्धिमान है भारत
उमर की बीत जायेगी फिर भी लिख ना पाए पुरा श्याम तू भारत,
कुछ ही प्रतिशत लिखा अभी फिर से लेकर आऊंगा मै कितना प्रचण्ड इतिहास है भारत।
जय हिंद
जय भारत