कवितालयबद्ध कविता
जिनूल आजादी गाथा लिख दे,
वन्दन नमन छू वीरों को,
सल्ट क्रान्ति के रण बाँकुरो को
वन्दन नमन छू वीरों को,
याद आनी आज ले हमुके,
जो हमर क्रान्ति योध्दा छीं,
वीरों धरती जनम हमर,
हम वीरों की धरती क वासी छीं,
सल्ट क्रान्ति के रण बाँकुरो को
वन्दन नमन छू वीरों को,
जिनूल आजादी गाथा लिख दे,
वन्दन नमन छू वीरों को,
आजादी बादक य पली व्यवस्था,
असमायिक मरो जो ,उनर मरण में घूस ली,
पेशकार करनी जबरन अनाज इकट्ठ,
बागेश्वर में कुली बेगार आंदोलन हुयी छी,
जनता क आकोश सल्ट क्रान्ति बन उभरो,
सल्ट क्रान्ति के रण बाँकुरो को
वन्दन नमन छू वीरों को,
जिनूल आजादी गाथा लिख दे,
वन्दन नमन छू वीरों को,
भारत छोङो आंदोलन तुमुके याद छीं,
करो या मरो नारा पूरे भारत मा फैली छीं,
सरकार क खिलाफ रोष हैगे,
पांच सितम्बर की घटना क,
खुमाङ भूमि रक्त से लाल हैगे,
सल्ट क्रान्ति के रण बाँकुरो को
वन्दन नमन छू वीरों को,
जिनूल आजादी गाथा लिख दे,
वन्दन नमन छू वीरों को,
निहत्थे जनता पर गोई बरसानी,
सभा चली वीरों की,यो जुल्म ढहानी ,
पहाङ क लाल शहीद हैगे,
खीमानंद, गंगा राम, बहादुर सिंह,चूड़ामणि,
शहीद हैगे,
सल्ट क्रान्ति के रण बाँकुरो को
वन्दन नमन छू वीरों को,
जिनूल आजादी गाथा लिख दे,
वन्दन नमन छू वीरों को,
माटी क रक्षा खातिर शहीद हैगे
एक दजन वीर घायल हैगे,
आजादी गाथा लिख बे अमर हैगी,
छोङ गई भारत भूमि कै तुमर हवाल,
रक्षक बन ,शहीदों क सपना साकार हैगी,
सल्ट क्रान्ति के रण बाँकुरो को
वन्दन नमन छू वीरों को,
जिनूल आजादी गाथा लिख दे,
वन्दन नमन छू वीरों को,