कवितालयबद्ध कविता
यह बाल मजदूर नही , देश का भविष्य है ...
न जाने कुछ लोग इनका बचपन क्यों छीनते है ...
इनके सपनो को सच मे बदलना हमारा काम है ...
यही तो भारत की एकता का दूसरा नाम है ...
*ये मजदूर नही , सुनहरे भारत का अभिमान है ...*
गरीब घर के छोटे बच्चे है बड़े नादान है ...
जिम्मेदारियों ने छीन लिया है उनका बचपन है ...
कुछ लोग इसी का फायदा उठा कर , कर रहे इनका शोषण है ...
इनका शोषण न करो , इनको चमकाना अपना नाम है ...
*ये मजदूर नही , सुनहरे भारत का अभिमान है ...*
पढ़ने दो कुछ काबिल बनने का अवसर दो ...
सुनहरे सपने देखने के ये भी हकदार है ...
इनके मासूम से बचपन को ना रौंदों पैरो तले ...
दुनिया मे अभी इनको खूब कमाना सम्मान है ...
*ये मजदूर नही , सुनहरे भारत का अभिमान है ...*
कम मजदूरी में खुश हो जाते है ये तो ...
पढ़ाई का माध्यम ही इनके सपनो की पूर्ति है ...
बल मजदूरी शिक्षा के मार्ग का अवरोध करती है ...
ये भी प्यारी सी नन्ही से एक जान है ...
*ये मजदूर नही , सुनहरे भारत का अभिमान है ...*
ममता गुप्ता
अलवर राजस्थान