Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
अन्नदाता से.छल - Radha Gupta Patwari 'Vrindavani: (Sahitya Arpan)

कहानीसामाजिक

अन्नदाता से.छल

  • 210
  • 3 Min Read

रामचरन-"अबकी चुनिया का ब्याह धूमधाम से करेंगें।अच्छी पैदावार हुई है।"
रीता-"हाँ,सही कह रहे हो। मंडी-समिति जाकर खाना खा लेना। रख दिया है।"
(मंडी-समिति)
रामचरन-"साब,मेरे अनाज की बोली लगवा दो,बाइस कुंतल हैं।"
दलाल-"तेरे अनाज की क्वालिटी खराब है।सत्तर रुपया कम में बिकेगा। रामचरन असंमजस सा एक-तरफ खड़ा हो गया।
तभी बारिश हुई और अनाज भीगने लगा।"
रामचरण - "साब, जल्दी करो अनाज भीग रहा है।"
दलाल- "देख तेरा अनाज तो भीग गया है कोई न लेगा। 100 रुपया कम में बिकवा दूँ जल्दी बोल।"
रामचरण रोता हुआ भीगी रोटी देख- ठीक है साब। बिकवा दो।"
धन्यवाद
राधा गुप्ता 'वृन्दावनी'

1601577939.jpg
user-image
Sarla Mehta

Sarla Mehta 4 years ago

ह्रदयस्पर्शी

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 4 years ago

बहुत ही मार्मिक रचना

दादी की परी
IMG_20191211_201333_1597932915.JPG