Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
मेरे गले में - Sandeep Chobara (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

मेरे गले में

  • 133
  • 2 Min Read

मेरे गले में
तेरी बांहों का घेरा हो
और मैं तेरी पीठ पर अपने नाखूनों से
लिख दूँ तेरा नाम.....

लग कर मेरे सीने से
तू कर दे मुझे मेहरबान
या अनछुआ रख कर
कर दे मुझे तू फ़ना.......

ये मेरी इश्क हक़ीकी
देख..! कर ना दे तुझे रुसवा
मैं हो कर इश्क मजाजी
रमता रहूंगा तुझमें...........!

संदीप चौबारा

inbound6099616727390517969_1601524085.jpg
user-image
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
तन्हाई
logo.jpeg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हा हैं 'बशर' हम अकेले
1663935559293_1726911932.jpg