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लबों पर नहीं तबस्सुम की लकीर - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

लबों पर नहीं तबस्सुम की लकीर

  • 6
  • 1 Min Read

तिरे उदास रहने की वज़ह क्या है
गर ये ज़िन्दगी है तो क़ज़ा क्या है

लबों पर नहीं तबस्सुम की लकीर
बशर तुझे और बड़ी सजा क्या है

© "बशर"

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