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दुःख होता है - Sandeep Chobara (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

दुःख होता है

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  • 4 Min Read

दुःख होता है


तेरे हंसने पर
मैं भी हँसने लगता हूँ
तेरे दुःख से मुझे भी
दुःख होता है
तेरे दुःखी होने पर भी
मुझे दुःख होता है
तेरे रोने पर मुझे भी
रोना आता है।

पर,
मैं तेरे साथ
रो नहीं पाता हूँ....
इसका ग़म मुझे भी है।
पर,तुम कभी रोना मत
तेरे रोने पर
दिल पर बहुत भारी
पत्थर रखना पड़ता है।

मैं तेरे साथ नहीं हूँ
फिर भी हर पल
तेरे आस पास
नजऱ आऊँगा
जब कभी भी तुम
मुझे आवाज़ दोगे तो
सामने नज़र आऊँगा।

तुम सारे ग़म मुझे दे दो
तुम सारे दुःख मुझे दे दो
तुम अपनी परेशानियां
सारी समेट कर
सौंप दो मुझे।

सब सहन कर लूंगा
तेरे सारे दुःख-दर्द
तेरे सारे ग़म
तेरी सारी तन्हाई
और समा लूंगा अपने सीने में
बिना किसी हसरत के...।।

सन्दीप चौबारा
फतेहाबाद
मौलिक एवं अप्रकाशित
०१/०८/२०२०

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