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अवकाश दिवस - hem chandra (Sahitya Arpan)

कविताअन्य

अवकाश दिवस

  • 217
  • 3 Min Read

दिवस बीत गया था,नींद में सोये रहे है,
काम से अवकाश था,आराम जरूरी है,
दिवस बीत गया था...

समाज से दूर कही,कोने मुख छिपाते है,
दिवस आराम कर,काम कुछ न किया,
दिवस बीत गया था...

ये अवकाश दिवस,कुछ दिन काम किये,
मिला हमको आराम, सपनों ऐसा खोये
दिवस बीत गया था...

जागते फिर भी हम,जगाये कौन हमको,
थके हारे लौटते है,काम करने भागे,
दिवस बीत गया था...

साँझ हुयी घर आते,खटिया पकङते है,
थकी जिन्दगी आराम,सवेरे फिर भागे,
दिवस बीत गया था,

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