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हाल ए दिल - सु मन (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

हाल ए दिल

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हाल- ए- दिल कुछ कह दिया करो अपना,
कुछ मेरी दास्तान सुन लिया करो,
जो खामोशी कभी आए दरमिया तो
कुछ कहानिया तुम भी बुन लिया करो,
भीड में भी हम अकेले ही होते हैं अक्सर..
जब ये अहसास हो जाए तो
खुद ही का साया चुन लिया करो,
शहर भर में शोर बहुत हैं मन की कोई नहीं सुनता
बेखबर हो दुनिया से गुफ्तगु कभी खुद ही से कर लिया करो,
थोडी शरारत, कुछ नजाखत, कुछ कमियाँ सब में हैं
रख कर परे ये सब,
दिल की भी सुन लिया करो ..
ताकि दिल जवां रहे
दिल जिंदा रहे..

सु मन

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Madhu Andhiwal

Madhu Andhiwal 3 years ago

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