कवितालयबद्ध कविता
जीवन अपना है...
जीवन अपना है ढंग भी है अपना।
जीना कैसे है दिखाना है सबको।
अरमान अपने हैं मंजिल है अपनी।
पहुंचना अकेले हैं पहुंचाना है सबको।
छूट ना जाए किसी की मंजिल.....
ध्यान रखना है साथ है निभाना।
आगे जाना है पीछे भी है देखना।
दुश्मन है कि दोस्त, बचके है चलना।
आखिर मंजिल अपनी है सपने है अपनों के।
पूरा करना है सहारा है बनना।
पसीना बहाया है नींद है गवाँँई।
भूखा रहे हैं हमको है खिलाया।
शोहरत पानी है अपनों को है शामिल करना।
सपने उनके भी है जिसे पूरा है करना।
मिसाल कायम करनी है प्ररेणा है बनना।
जीने का ढंग सिखाना है परिस्थितियों का सामना है करना।
संकल्प दृढ़ है रखना, दूसरों को भी जीवन है देना।
सभी अपने हैं पराया कोई नहीं......
@champa यादव
28/09/20