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रिश्तों का रंग घुलने में वक़्त लगता है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

रिश्तों का रंग घुलने में वक़्त लगता है

  • 64
  • 1 Min Read

राब्तों में आई गांठ को खुलने में वक़्त लगता है
मन मलिन हो जाए तो धुलने में वक़्त लगता है!

रिश्तों का अहसास रहता है हर-पल आस-पास
पर मनमें रिश्तों का रंग घुलने में वक़्त लगता है!!

@"बशर"

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