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मेरी ख्वाहिशें - Mamta Gupta (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कविता

मेरी ख्वाहिशें

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  • 4 Min Read

*मेरी ख्वाहिशें*

ज़िंदगी मे ख्वाहिशों का होना जरूरी हैं ...
क्योंकि ख्वाहिशों के बिना ज़िंदगी अधूरी हैं ...

कुछ इस तरह ख्वाहिशों को पूरी करना चाहती हूँ ...
सफलता के पंख लगाकर आसमान में उड़ना चाहती हूं ...

अपनो के लिए तो हर कोई अच्छा करता हैं ...
जिनका कोई नही उनके लिये कुछ करना चाहती हूं ...

अपने कर्मो से एक छोटा सा घोसला बनाकर तिनका तिनका इकट्ठा करना चाहती हु ...
जिनको सबने ठुकराया उन सब के लिए उम्मीद की किरण बनना चाहती हु ...

असीमित ख्वाहिशों के पुलिंदों खुल के पूरा करना चाहती हु ...
हर किसी के चेहरे पे बस प्यारी सी मुस्कान देखना चाहती हु ...

*मैं अपनी ख्वाहिशो को बस अपने हौसलो से पूरा करना चाहती हूँ*

*ममता गुप्ता ✍?*

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