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तरु लगाने की, - hem chandra (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

तरु लगाने की,

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ये धरा,
उजाड़ दिए गयी,
नयी बस्ती,
बना ली गयी
और बात की जब,
तरु लगाने की,
तो जवाब मिला,
धरा कहा बची है,
तरु लगाने की,
तो जवाब मिला,
धरा कहा बची है,
तरु लगाने की,

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