कवितालयबद्ध कविता
कुछ प्रकृति प्रेम के वो त्यौहार,
हमेशा से पर्यावरण,
बचाने का संकल्प देते है,
मानसखण्ड का ये त्यौहार,
जो सदियों से बनाया गया है,
कैमरों से दूर,सादगी संग,
खुशहाली का प्रतीक,
हरेला आने वाला है,
सावन आने का ये त्यौहार,
नौ दिन पहले... किसी टोपरी में माटी रख,
कुछ फसलों के बीज रोपे जाते है,
सीचे जाते है
नौ दिन बाद...
आने वाले इस ,
त्यौहार में काटे जाते है,
उगी फसल को,
शीश रखे जाते है,
मान्यता है कि जितना अच्छा हरेला होगा,
उतनी अच्छी फसल होगी,
खुशहाली का प्रतीक,
हरेला आने वाला है,