Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
ख़ामोशी - Dipak Kumar (Sahitya Arpan)

कवितागजल

ख़ामोशी

  • 26
  • 2 Min Read

मेरे तस्वीर के टुकड़ो को सजाया किसने
मुझे इश्क़ का कदरदान बनाया किसने

शराब में डूबा हुआ प्याला हूँ मै
शबनमी एहसासो से जगाया किसने

न दूर है कोई न पास में मेरे
दिल के चिराग को आखिर जलाया किसने

वफ़ा है कोई चीज़ इस जहाँ में, मै नहीं मानता
बेवफाई का ए तरन्नुम सिखाया किसने

शराब में मदहोश बहुत अच्छा हूँ मै
नशे में चूर मुझे रहना सिखाया किसने
मेरे तस्वीर के————–

logo.jpeg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हाई
logo.jpeg