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आत्मविश्वास - Dipak Kumar (Sahitya Arpan)

कवितागीत

आत्मविश्वास

  • 21
  • 3 Min Read

ऐ खुदा झुकने पे तुझको
मज़बूर कर दूंगा
राहो के सारे मुश्किलो को
दूर कर दूंगा
ऐ खुदा झुकने पे तुझको —-

सपनो की मंज़िल जब तलक
हासिल नहीं होती मुझे
उम्मीद की राहो पे यूँ ही
बस क़दम चलते रहेंगे
रहमत करे या दे सज़ा
मंज़ूर कर लूँगा
ऐ खुदा झुकने पे तुझको —-

हाँथ की बेबस लकीरो
को नहीं मै मानता
क्या लिखा है तूने इसमें
मै नहीं ये जानता
चट्टान भी हो सामने
तो चूर कर दूंगा
ऐ खुदा झुकने पे तुझको —-

गैरत नहीं मई मांगता
मेहनत का है बस वास्ता
ग़र दिखा सकता है कुछ तो
बस दिखा मुझे रास्ता
मेहनत से अपने रात को भी
नूर कर दूंगा
ऐ खुदा झुकने पे तुझको —-

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