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अधूरा इश्क़ - Dipak Kumar (Sahitya Arpan)

कवितागजल

अधूरा इश्क़

  • 19
  • 3 Min Read

आज मुझे वो याद आयी
आँख मेरी फिर भर आई
मुझे लगा के उसने छुआ
पर यादो की थी परछाई
आज मुझे….

एक मुद्दत बीत गया उसको
जब उसने मुझको छोड़ा था
बड़ी गुजारिश मैने की थी
पर दिल को उसने तोड़ा था
मेरे भीगे नैनो के आगे
बजी थी उसकी शहनाई
आज मुझे….

उसने जब मुझको भुला दिया
मैंने भी उसको भुला दिया
एक जमाने के बाद फिर
यादो को उसने जगा दिया
महफ़िल में अब जीना ही नहीं
अच्छी है मुझको तन्हाई
आज मुझे….

कल तक मेरी थी जिसे फिकर
वो आज हमारे पास नहीं
हम अगले जन्म में मिलेंगे तुमसे
इस जन्म में कोई आश नहीं
तेरा मेरा साथ बस वही तलक़
बाकी जीवन थी रुसवाई
आज मुझे….

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