Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
हालाते-हयात आदमी को ना मज़बूर करे - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

हालाते-हयात आदमी को ना मज़बूर करे

  • 9
  • 1 Min Read

जहां दौलत शोहरत इन्सान से इन्सान को दूर करे
हालाते-हयात आदमी को इस क़दर ना मज़बूर करे
@"बशर"

InCollage_20240624_060345560_1719362415.jpg
user-image
तन्हा हैं 'बशर' हम अकेले
1663935559293_1726911932.jpg
ये ज़िन्दगी के रेले
1663935559293_1726912622.jpg
यादाश्त भी तो जाती नहीं हमारी
logo.jpeg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg