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कवितानज़्मगजल
बेजुबान सी ख्वाहिश है बीते वक्त में लौट जाने की चाहत है जाहिर है यह नमकीन सी ख्वाहिश है फिर भी एक उम्मीद से ए जिंदगी तुझे लिखा हर खत में मेरी अश्क शामिल है