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कब्र किसीकी कभी होती कहीं आबाद नहीं - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

कब्र किसीकी कभी होती कहीं आबाद नहीं

  • 44
  • 1 Min Read

है रहती अगर इस दिल में तुम्हारी याद नहीं
जिन्दा लाश "बशर" होती कभी नौशाद नहीं

यादों ही के तसव्वुर में जिंदा रहने दो हमको
कब्र किसीकी कभी होती कहीं आबाद नहीं

© 'बशर' بشر.

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