कविताअतुकांत कविता
जिंदगी मे क्या है
कभी धुप कभी बारिस कभी ठंडी कभी गर्मी
जीने के लिए एक पल इस जिंदगी मे क्या है
संसार मे एक पल बिताना है हमको जिए कि मरे
इस जिंदगी मे क्या है ।
रास्ता भटकते भटकते आया मंजिल पर हम
बहुत कठिनाई का सामना कर्ना पडता है
जीने के लिए जिंदगी मे क्या है ।
जन्म लेकर आया संसार मे हम सभी लोग
पर इस धरती मे जीना मुस्किल हो जाता है
मरे या जिए या पिए जिंदगी मे क्या है