कवितालयबद्ध कविता
सिंधु से बना हिन्दू, हिन्दू से हिन्दी
हिंदी हमारी सभ्यता संस्कृति की पहचान है,
हम हिन्दी तनय हैं,यह माता है हमारी
हमारी मातृभाषा हमारी आन,बान शान है,
वेद पुराणों ग्रंथों में धर रूप छंदों, मंत्रों का
हिंदी का गौरव अलौकिक निजभाषा मान है,
अति प्राचीन भाषा है सब बोली का आधार
संस्कृत से जन्मी हिंदी हमारी अभिमान है ,
विश्व धरोहर है यह जन-जन करें गुणगान है
जो एकता के सूत्र में बांधे वो हिंदी हिंदुस्तान है,
सरल सहज यह भाषा अपना स्वाभिमान है
निजभाषा पर गर्व करें तभी हमारा सम्मान है,
ह से हिंदी ,हिंदी से हिंदुस्तान हिंदुस्तान से हम हैं
राजभाषा के गौरव की प्रतिष्ठा बढ़ाना शान है,
अति प्राचीन हिंदी सभी भाषा की सूत्रधार है
राजभाषा है हिंदी, हिंदी पावन पुरातन रसपान है,
सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा
हिंदी है हम वतन के हिंदुस्तान हमारा
हमको यह अभिमान है।।
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सुनीता जौहरी
वाराणसी
स्वरचित व मौलिक