कवितालयबद्ध कविता
सर्दी की रातें
याद कराती वे मुलाकात,
वे जब भी आते
हम मुस्कुराते
हमारा सुख चैन वे छीन लेते
हम चकोर की भाॅंति अपने चाॅद को देखा करते
हाय,ये सर्द राते उन पलों को और रोमांटिक बनाते
हाय लगता है कभी न बीते ये राते
बस,वे आते रहते
हम प्यार में डूबे रहते
पर ये रोजी रोटी की कवायते
न चैन से बैठने देते
और न ही मुस्कुराने देते
हाय हमारा दिल तड़पता
अपने प्रिय के आगमन को
तो हम इंतजार करते
इन आती हुई सर्द राते का
कम से कम दिल का सूकून
तो देती है ये सर्दी की रातें।