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Sahitya Arpan - Kalpana Mishra
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Kalpana Mishra

'Neer'

मन की बातें

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  • कवितालयबद्ध कविता

    20 साल पहले

    • Added 5 months ago
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    • 84
    • 2 Mins Read

    बीस साल पहले सुंदर,
    उर्जा से भरपूर,
    सपनो मे तैरता,
    समाज मे पहचान ,
    के लिये भागता दौड़ता और दौड़ता ही
    हर वक्त योजनाए बनाता
    प्रेम को छोड़ता, फिर प्रेम करता,
    हकीकत से अंजान,
    बस सपने के पीछे भागता
    गलतीयो
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    20 साल पहले,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    मानो जिंदगी मिल गई ,

    • Added 5 months ago
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    मानो जिंदगी मिल गई ,
    सब कुछ अच्छा लगने लगा,
    किसी में कुछ बुराई ही नही दिखती अब
    सब अच्छे लगने लगे है,
    चाॅद चमकीला दिखने लगा है,
    सूरज की गरमी प्यारी लगने लगी है,
    चारो ओर मानो फुलो की बारीश होने लगी है,
    हर
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    मानो जिंदगी मिल गई ,,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    हुई बड़ी हुज्जत

    • Added 5 months ago
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    • 2 Mins Read

    हमारी हुई बड़ी फजीहत,
    जब हमने पढ़ी हमारी कहानी लज्जित ,
    न मात्रा न संवाद न ही विषय और न ही लियाकत,
    न पसंद आयी सबको हमारी अदावत,
    सबने कहा
    तुमने यह लिखने की क्यों की हिमाकत,
    हुई बड़ी हमारी हुज्जत,
    सोचा
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    हुई बड़ी हुज्जत ,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    सर्दी की रात

    • Added 5 months ago
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    • 74
    • 3 Mins Read

    सर्दी की रातें
    याद कराती वे मुलाकात,
    वे जब भी आते
    हम मुस्कुराते
    हमारा सुख चैन वे छीन लेते
    हम चकोर की भाॅंति अपने चाॅद को देखा करते
    हाय,ये सर्द राते उन पलों को और रोमांटिक बनाते
    हाय लगता है कभी
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    सर्दी की रात ,<span>लयबद्ध कविता</span>
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    कवितालयबद्ध कविता

    वह शख्स अनजाना सा

    • Added 5 months ago
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    • 95
    • 3 Mins Read

    वह अनजाना सा,वह मनचाहा सा,
    मेरे सपनों का शहजादा सा,
    लुकता छुपता दिखता बादल सा,
    मेरा दिल पुलकित होता बच्चे सा,
    मेरा मन नाचता मोर,सा
    वह शख्स अनजाना सा
    मेरे पास से गुजरा ताजे हवा के झोंके सा
    वह मेरा
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    वह शख्स अनजाना सा,<span>लयबद्ध कविता</span>
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