कविताअन्य
द महत्व एंड द वैल्यू ऑफ़ राष्ट्रभाषा हिंदी
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हिंदी दिवस पर हिंदी के एक नामचीन कवि
जिनके काव्य - कौशल के आगे हार गया रवि
हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित सभा में
आयोजकों के द्वारा उन्हें आमंत्रित किया गया
फूल - माला - शाल द्वारा उनका सत्कार हुआ
तत्पश्चात उन्हें हिंदी पर दो शब्द कहने हेतु
आयोजकों द्वारा सादर निवेदन किया गया
फूलमालाओं शाल से लदे उन कवि महाशय ने
ध्वनि संम्प्रेषक यंत्र को हाथों से थामते हुए
आयोजित सभा को कुछ यूँ संबोधित किया
माय आदरणीय फ्रेंडस ,लेडीज & जेंटलमेन
आय ऍम वेरी थैंकफुल टू ऑल आयोजक'स
फॉर इन्वाईटिंग मी इधर ऑन हिंदी दिवस
माय फ्रेंडस हिंदी इज आवर नैशनल लेंग्वेज
इट्स मेरा निवेदन टू ऑल ऑफ़ यू फ्रेंड्स
व्हेन यू आर स्पीकिंग इन राष्ट्रभाषा हिंदी
ऐट देट टाइम डोंट मिक्स इंग्लिश इन देट
बिकॉज द मिक्सअप ऑफ़ टू बाराखड़ी'ज
इज मेकिंग ऑलवेज " हिंगलिश खिचड़ी "
आवर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा है
गिविंग अ नॉलेज ऑफ़ अंग्रेजी टू पीपल
उन्हें गुलाम बनाने जैसा है ! सो माय फ्रेंड्स
इट्स आवर कर्तव्य टू यूज हिंदी ऑन वर्कप्लेस
एंड आल्सो इन हमारी रूटीन जिंदगी "अमोल"
दोस्तों हिंदी इज नॉट ओनली हमारी लेंग्वेज
इट इज हमारा कल्चर,आवर ग्रेट संस्कृति है
सो आज ऑन द ओकेशन ऑफ़ हिंदी दिवस
इट्स मेरा वेरी हंबल निवेदन टू ऑल ऑफ़ यू
माय नियरेस्ट और डियरेस्ट आदरणीय फ्रेंड्स
कृपया यूज हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी ही हमेशा
एंड प्लीज टीच टू यूअर बेटा ,बेटी ,पोता पोती
द महत्व एंड द वैल्यू ऑफ़ राष्ट्रभाषा हिंदी
दोस्तों आज के इस शुभ ओकेशन पर मुझको
आमंत्रित करने के लिए डायस पर विराजमान
सभी ज्ञानियों को एंड ओर्गनइजर्स को थैंक्यू
कहते हुए मैं अपने टू वर्डस ( दो शब्द ) को
आज के लिए यहीं फुलस्टॉप (विराम) देता हूँ